

पीएम मोदी ने भाषण के दौरान 11 संकल्प का भी जिक्र किया। उन्होंने चर्चा के दौरान यह संदेश भी दे दिया है कि राजनीति के अपराधीकरण पर आने वाले समय में कुछ कदम उठ सकते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की ओर से एजेंसी के दुरुपयोग को लेकर जो भी आरोप लगाए जाते हो लेकिन गति बरकरार रहेगी।
संविधान पर चर्चा के जवाब के अंत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो 11 संकल्प गिनाए वह देश की जनता के साथ साथ विपक्षी दलों को सरकार की सोच बताने के लिए काफी थी। भ्रष्टाचार तो उनके एजेंडे में शुरू से रहा है लेकिन जिस तरह उन्होंने भ्रष्टाचारी के सामाजिक स्वीकार्यता न होने की बात के जरिए उन्होंने यह संदेश भी दे दिया है कि राजनीति के अपराधीकरण पर आने वाले समय में कुछ कदम उठ सकते हैं।
आरक्षण पर कोई आंच नहीं आएगी
उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की ओर से एजेंसी के दुरुपयोग को लेकर जो भी आरोप लगाए जाते हो, लेकिन गति बरकरार रहेगी। वहीं यह संकल्प दोहराकर कि जिसे आरक्षण मिल रहा है वह मिलता रहे और धार्मिक आधार पर आरक्षण की कोशिश को रोकने की बात कहकर उन्होंने एक साथ यह भी स्पष्ट कर दिया है कि आरक्षण पर कोई आंच नहीं आएगी।
वहीं, पीएम मोदी ने चर्चा के दौरान 11 संकल्प का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 संकल्प
- चाहे नागरिक हो या सरकार सभी अपने कर्तव्यों का पालन करें
- हर क्षेत्र हर समाज को विकास का लाभ मिले. सबका साथ और सबका विकास हो
- भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो और भ्रष्टाचारियों की सामाजिक स्वीकार्यता न हो
- देश के कानून, देश के नियम और देश की परंपरओं के पालन में नगारिकों को गर्व हो
- गुलामी की मानसिकता से मुक्ति मिले और अपनी विरासत पर गर्व हो
- देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले
- संविधान का सम्मान हो और राजनीतिक स्वार्थ के लिए संविधान हथियार न बनाया जाए
- संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए जिनको आरक्षण मिल रहा हो उनसे न छीना जाए। धर्म के आधार पर आरक्षण न दिया जाए
- डेवलपमेंट में देश मिसाल बने
- राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास का मंत्र हो
- एक भारत श्रेष्ठ भारत का ध्येय सर्वोपरि हो
