हिंसाग्रस्त मणिपुर में लोग खुद ही अधिकारियों को सौंप रहे हथियार

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लोगों द्वारा सौंपे गए हथियार

हिंसाग्रस्त मणिपुर के लोग स्वेच्छा से हथियार एवं कारतूस अधिकारियों के पास जमा करवा रहे हैं। चूड़ाचांदपुर, थौबल, इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट और बिष्णुपुर जिलों में लोगों ने हथियार जमा कराए।

मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष के बीच हिंसा से प्रभावित पांच जिलों में लोगों ने स्वेच्छा से कुल 33 हथियार और कारतूस अधिकारियों के पास जमा कराए हैं। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी और बताया कि हथियार जमा करने की प्रक्रिया को लेकर मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने हाल ही में इसके लिए समयसीमा बढ़ाने की घोषणा की थी।

राज्यपाल ने की थी अपील

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, चूड़ाचांदपुर, थौबल, इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट और बिष्णुपुर जिलों के निवासियों ने स्वेच्छा से ये हथियार जमा किए। इस पहल को लेकर राज्यपाल ने 20 फरवरी को मणिपुर के लोगों से अपील की थी, जिसमें उन्होंने लूटे गए और अवैध हथियारों को सात दिनों के अंदर स्वेच्छा से जमा करने का आग्रह किया था। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने यह भी आश्वासन दिया था कि इस अवधि के दौरान जो लोग हथियार जमा करेंगे, उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

समयसीमा को बढ़ाया गया

हालांकि, यह समयसीमा अब बढ़ा दी गई है। राज्यपाल ने 6 मार्च शाम 4:00 बजे तक हथियार जमा करने की समयसीमा को बढ़ा दिया है। यह कदम पर्वतीय और घाटी दोनों क्षेत्रों के निवासियों की मांग के बाद उठाया गया है। मुख्य सचिव पी.के. सिंह ने भी यह साफ किया कि अगर कोई व्यक्ति स्वेच्छा से हथियार जमा करना चाहता है तो वह इसे निर्धारित समय के भीतर कर सकता है, लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बाद सेना अवैध रूप से रखे गए हथियारों को बरामद करने के लिए कार्रवाई करेगी।

बता दें कि मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है, जिसमें मेइती समुदाय और कुकी समूहों के बीच संघर्ष के कारण अब तक 250 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। इस हिंसा के कारण मणिपुर में माहौल तनावपूर्ण है।

Red Max Media
Author: Red Max Media

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