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हाइब्रिड युद्ध के लिए प्रशिक्षण एक चुनौती

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हाइब्रिड युद्ध से निपटने के लिए सैन्य कर्मियों को उचित प्रशिक्षण देना बड़ी चुनौती- सीडीएस

नए दौर की चुनौतियों एवं संघर्षों से निपटने के तरीकों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने बुधवार को कहा कि जमीन पर मौजूद सैनिकों का कोई विकल्प नहीं है क्योंकि प्रौद्योगिकी केवल मानवीय क्षमताओं की वृद्धि में मददगार हो सकती है मगर यह इंसान की जगह नहीं ले सकती। सीडीएस रायसीना डॉयलाग में बोल रहे थे।

नए दौर की चुनौतियों एवं संघर्षों से निपटने के तरीकों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने बुधवार को कहा कि ”जमीन पर मौजूद सैनिकों” का कोई विकल्प नहीं है क्योंकि प्रौद्योगिकी केवल मानवीय क्षमताओं की वृद्धि में मददगार हो सकती है, मगर यह इंसान की जगह नहीं ले सकती। 

रायसीना डॉयलाग में बोले सीडीएस
भू-राजनीति पर भारत के प्रमुख सम्मेलन रायसीना डॉयलाग में अपने संबोधन में जनरल चौहान ने पारंपरिक युद्ध के साथ-साथ हाइब्रिड युद्ध से निपटने के लिए सैन्य कर्मियों को उचित प्रशिक्षण देने को देश के लिए एक बड़ी चुनौती बताया।

जनरल चौहान ‘वर्सेज एंड वार्स: नेविगेटिंग हाइब्रिड थिएटर्स’ विषय पर आयोजित सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत जैसे बहुसांस्कृतिक, बहुधार्मिक और बहुजातीय देश के लिए गलत सूचना और आंतरिक कलह एक बड़ी चुनौती हो सकती है। उन्होंने तर्क दिया कि गलत सूचना दिमाग की लड़ाई है और यह एक बड़ी चुनौती हो सकती है।

सीडीएस ने कहा कि साइबर स्पेस, गलत सूचना और आर्थिक दबाव – ये सब भी समकालीन युद्ध के आवश्यक तत्व हैं। मुझे लगता है कि वैश्विक सुरक्षा वातावरण दो चुनौतियों से घिरा हुआ है – एक अनिश्चितता और दूसरी तेजी से हो रहा बदलाव।

पारंपरिक युद्ध के लिए प्रशिक्षित करना जरूरी

उन्होंने कहा, ”हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती लोगों को हाइब्रिड युद्धों के साथ-साथ पारंपरिक युद्ध के लिए प्रशिक्षित करना है।”इस पर विस्तार से बात करते हुए जनरल चौहान ने प्रौद्योगिकी प्रगति की तेज गति का हवाला दिया और कहा कि लोगों को प्रौद्योगिकी को आत्मसात करने के लिए प्रशिक्षित करना एक चुनौती है।

विभिन्न राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा करते हुए सीडीएस ने कहा कि भारत खतरे का सामना कर रहा है। हालांकि उन्होंने किसी विरोधी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणियों को पाकिस्तान के संदर्भ में देखा गया।

आतंकवाद को लेकर कही ये बात

उन्होंने कहा, ”हमने हमेशा इसे एक उप-पारंपरिक प्रकार का संघर्ष कहा है। हमने इस विशेष शब्द का आविष्कार पश्चिम द्वारा आतंकवाद पर वैश्विक युद्ध या चौथी पीढ़ी के युद्ध या हाइपर संघर्ष जैसे शब्दों का आविष्कार करने से बहुत पहले किया था।”

Red Max Media
Author: Red Max Media

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