

आशा वर्कर्स को बड़ी सौगात, 7000 रुपये अतिरिक्त मासिक भत्ता मिलेगा; इस राज्य की ग्राम पंचायत ने की घोषणा
यह घोषणा पंचायत के 2025-26 के वार्षिक बजट में की गई, जिसे सोमवार को पारित किया गया। पंचायत में सभी आशा कार्यकर्ताओं को उनके मौजूदा मानदेय और प्रोत्साहन के अलावा 7,000 रुपये प्रति माह अतिरिक्त मिलेंगे।
केरल में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा अपने मानदेय में बढ़ोतरी की मांग को लेकर 46 दिन से जारी विरोध प्रदर्शन के बीच कोट्टायम जिले में भाजपा शासित एक स्थानीय निकाय ने सोमवार को आशा कार्यकर्ताओं को 7,000 रुपये का अतिरिक्त मासिक भत्ता देने की घोषणा की। मुथोली ग्राम पंचायत ने आशा कार्यकर्ताओं को 7,000 रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रदान करने का निर्णय लिया है।
पंचायत ने बजट में किया शामिल
यह घोषणा पंचायत के 2025-26 के वार्षिक बजट में की गई, जिसे सोमवार को पारित किया गया। राज्य की राजधानी में सचिवालय के बाहर आशा कार्यकर्ताओं का विरोध हाल ही में अनिश्चितकालीन सामूहिक भूख हड़ताल शुरू होने के साथ तेज हो गया है। पिछले सप्ताह राज्य सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद भूख हड़ताल शुरू करने का निर्णय लिया गया। मुथोली ग्राम पंचायत के अध्यक्ष रंजीतजी मीनाभवन ने कहा, ‘‘इस समय, हमने आशा कार्यकर्ताओं के लिए विशेष रूप से बजट में 12 लाख रुपये आवंटित किए हैं, जिससे प्रति कार्यकर्ता सालाना 84,000 रुपये की अतिरिक्त राशि सुनिश्चित होगी।’’
पंचायत में 13 आशा कार्यकर्ता हैं, जिनमें से सभी को उनके मौजूदा मानदेय और प्रोत्साहन के अलावा 7,000 रुपये प्रति माह अतिरिक्त मिलेंगे।
प्रियंका गांधी ने किया समर्थन
आशा कार्यकर्ताओं की मांग और विरोध प्रदर्शन पर वायनाड की कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, “आशा कार्यकर्ताओं की शिकायतें बहुत प्रासंगिक हैं और मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार को उन पर विचार करना चाहिए और उन्हें नियमित वेतन पर रखा जाना चाहिए।”
आशा कार्यकर्ताओं की क्या है मांग?
गौरतलब है कि केरल में मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) मानदेय के भुगतान, वेतन वृद्धि और अन्य मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रही है। सैकड़ों आशा कार्यकर्ता 10 फरवरी से सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं, वे सेवानिवृत्ति के बाद लाभ और अपने मानदेय को मौजूदा 7,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने की मांग कर रही हैं।
