

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 26 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इसमें तीन इनामी भी शामिल हैं। इन सभी नक्सलियों ने लोन वर्राटू अभियान के तहत सरेंडर किया है।
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में एक बार फिर नक्सलियों ने सरेंडर किया है। सोमवार को तीन इनामी माओवादियों समेत 26 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में चलाए जा रहे लोन वर्राटू (अपने घर/गांव वापस लौटो) अभियान से प्रभावित होकर तीन इनामी माओवादियों समेत 26 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण किया।
तीन इनामी नक्सली भी शामिल
अधिकारियों के अनुसार सरेंडर करने वाले नक्सलियों में से राजेश कश्यप आमदई एरिया जनमिलिशिया का कमांडर था, जिसके सिर पर तीन लाख रुपये का इनाम है। अधिकारियों का कहना है कि इसी तरह नक्सली कोसा माड़वी जनताना सरकार का अध्यक्ष था, जिसके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम है। वहीं नक्सली छोटू कुंजाम चेतना नाट्य मंच (सीएनएम) का सदस्य था, जिसके सिर पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित है।
लोन वर्राटू अभियान के तहत किया सरेंडर
अधिकारियों ने बताया कि इन नक्सलियों ने लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर तथा संगठन में अमानवीय बर्ताव, आधारहीन विचारधारा और शोषण से तंग आकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि जिले में लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 224 इनामी माओवादियों सहित कुल 953 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
इस साल बढ़ा सरेंडर का मामला
केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आत्मसमर्पण के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2024 के पहले तीन महीनों (जनवरी-मार्च) में कुल 124 नक्सलियों ने अपने हथियार डाले थे, जिसमें कुछ ऐसे नक्सली शामिल हैं जिन पर इनाम घोषित था जबकि कुछ पर इनाम घोषित नहीं था तथा कुछ ‘जन मिलिशिया’ के सदस्य थे। आंकड़ों के अनुसार इस साल (2025) की इसी अवधि में यह संख्या बढ़कर 280 हो गई है। वर्ष 2024 में कुल 787 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें से अधिकतर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और इसकी विशेष कमांडो इकाई कोबरा द्वारा किए गए प्रयासों के कारण हुए।
