

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक्स हैंडल से एक फोटो शेयर करके तहलका मचा दिया है। यह फोटो उस युवक की है, जिसे पिछले दिनों अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया था। मगर विपक्षियों का कहना है कि उसे गैर-कानूनी तरीके से निकाला गया।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर एक फोटो शेयर किया, जिसे लेकर बवाल मच गया है। ट्रंप द्वारा शेयर की गई फोटो में एक व्यक्ति की मुट्ठी बनी है, जिस पर एमएस-13 लिखा है। यह एमएस-13 है क्या, जिसके बारे में राष्ट्रपति ट्रंप कुछ बताना चाह रहे हैं। इसे देखते ही आखिरकार उनकी प्रमुख विपक्षी पार्टी डेमोक्रेट्स में खलबली क्यों मच गई। आइये आपको पूरा मामला बताते हैं। मगर पहले यह जान लीजिए कि ट्रंप ने अपने पोस्ट में क्या लिखा?
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी पोस्ट में लिखा, “यह उस व्यक्ति का हाथ है, जिसके बारे में डेमोक्रेट्स का मानना है कि उसे वापस संयुक्त राज्य अमेरिका लाया जाना चाहिए, क्योंकि वह एक “अच्छा और निर्दोष व्यक्ति है।” उन्होंने कहा कि वह MS-13 का सदस्य नहीं है, भले ही उसने अपने हाथों की उंगलियों पर MS-13 का टैटू गुदवाया हो और भले ही दो उच्च सम्मानित न्यायालयों ने पाया हो कि वह MS-13 का सदस्य था, उसने अपनी पत्नी को पीटा, आदि। मुझे अन्य बातों के अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका से बुरे लोगों को बाहर निकालने के लिए चुना गया था। मुझे अपना काम करने दिया जाना चाहिए। अमेरिका को फिर से महान बनाओ!”
क्या है एमएस-13
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार शाम को जो तस्वीर साझा की है, उसमें दिख रही मुट्ठी किल्मर अब्रेगो गार्सिया की है। उसके टैटू वाले अंगूठे इसमें दिखाई दे रहे हैं, जिसे पिछले महीने विवाद के बीच अल साल्वाडोर निर्वासित कर दिया गया था। ट्रंप के सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट की गई इस तस्वीर को इस बात के “सबूत” के तौर पर दिखाया गया है कि निर्वासित किया गया अब्रेगो गार्सिया हिंसक गिरोह MS-13 का सदस्य है। बता दें कि एमएस-13 का एक आपराधिक गिरोह है, जिसने अमेरिका में हिंसा, लूट, बलात्कार, हत्या जैसी तमाम वारदातों को अंजाम दिया है। मगर अब यह तस्वीर जांच के दायरे में है। क्योंकि ट्रंप के आलोचकों, तकनीकी विशेषज्ञों और राजनीतिक विरोधियों का कहना है कि इसे डिजिटल रूप से हेरफेर किया गया है।
