

हरियाणा सरकार ने गिरते लिंगानुपात की गंभीरता को देखते हुए 12 CHC के SMO को नोटिस जारी किए हैं। साथ ही सूबे में 300 गर्भपात केंद्रों का पंजीकरण रद्द किया गया है और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की बात की जा रही है।
हरियाणा सरकार ने खराब लिंगानुपात वाले क्षेत्रों में कन्या भ्रूण हत्या पर लगाम लगाने के लिए कड़ा रुख अपनाया है। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) के प्रभारी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (SMO) को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई गर्भधारण-पूर्व और प्रसव-पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम को सख्ती से लागू करने के तहत की गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक और राज्य कार्यबल (STF) के संयोजक वीरेंद्र यादव ने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में अब तक 300 गर्भपात केंद्रों के पंजीकरण रद्द किए गए हैं या स्वेच्छा से वापस लिए गए हैं।
किन सीएचसी को मिला नोटिस?
यादव ने कहा, ‘हम PCPNDT एक्ट का कड़ाई से पालन कर रहे हैं। STFहर मंगलवार को स्थिति की समीक्षा करता है और क्षेत्रों का दौरा करता है।’ नोटिस प्राप्त करने वाले 12 CHC में हिसार के उकलाना, फतेहाबाद के बड़ोपल और भट्टू कलां, करनाल के निसिंग और कुंजपुरा, कुरुक्षेत्र के लाडवा, रेवाड़ी के नाहड़, भिवानी के तोशाम, जींद के दनौदा, नूंह के तावड़ू, फरीदाबाद के तिगांव और महेंद्रगढ़ के अटेली के नाम शामिल हैं। यादव ने चेतावनी दी कि अगर इन केंद्रों के SMO का जवाब असंतोषजनक पाया गया, तो उनके खिलाफ आरोप पत्र जारी किया जाएगा।
नोडल अधिकारियों पर भी गिरी गाज
खराब लिंगानुपात वाले 5 जिलों, चरखी दादरी, रेवाड़ी, रोहतक, गुरुग्राम और फरीदाबाद के PNDT नोडल अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। इसके अलावा, हिसार में PNDT नोडल अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है। STF ने इस सप्ताह 23 गर्भपात केंद्रों को नोटिस जारी किए हैं। पिछले 2 महीनों में 17 ऑनलाइन गर्भपात किट विक्रेताओं के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। हिसार में एक दलाल के खिलाफ अवैध गर्भपात में शामिल होने के लिए आपराधिक मामला दर्ज करने की तैयारी चल रही है।
लिंगानुपात में गिरावट चिंताजनक
बता दें कि हरियाणा में 2024 में जन्म के समय लिंगानुपात में कमी दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 1000 लड़कों पर 910 लड़कियों का जन्म हुआ, जबकि 2023 में यह अनुपात 1000 लड़कों पर 916 लड़कियों का था। इस गिरावट ने सरकार को और सख्त कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। यादव ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य कन्या भ्रूण हत्या को पूरी तरह रोकना है। इसके लिए नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।’ सरकार की इस पहल को लिंगानुपात में सुधार और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
