

छत्तीसगढ़ में आठ नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर किया है। वहीं 2 नक्सली गिरफ्तार हो गए हैं। नक्सली राज्य की ‘नियद नेल्लनार’ योजना से प्रभावित नजर आ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसका नतीजा ये है कि बड़ी संख्या में नक्सली सरेंडर कर रहे हैं और मुख्यधारा को अपना रहे हैं। इस बीच बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों से शनिवार को बड़ी खबर सामने आई है। यहां आठ नक्सलियों ने सरेंडर किया है और दो गिरफ्तार हुए हैं।
सामने आई ये बात
दंतेवाड़ा के एसपी गौरव राय ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि आठ नक्सलियों ने सरेंडर किया है, इनमें से 2 पर इनाम भी है। खबर मिली है कि ये नक्सली अपने संगठन के आंतरिक मामलों की वजह से परेशान थे, जिसकी वजह से मतभेद पनप रहा था।
‘नियद नेल्लनार’ योजना का दिख रहा प्रभाव
नक्सलियों के लिए राज्य सरकार द्वारा ‘नियद नेल्लनार’ योजना चलाई जा रही है। नक्सली इस योजना का लाभ लेने के लिए मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं और हिंसा का रास्ता छोड़ रहे हैं। इस योजना का मकसद गांवों में विकास कार्यों को बढ़ावा देना है। इनामी नक्सलियों की पहचान मंगडू मड़काम और देवा राम कुंजाम के रूप में हुई है। इन पर 50-50 हजार का इनाम था। ये दोनों प्रतिबंधित माओवादी संगठन की चेतना नाट्य मंडली (सीएनएम) के सदस्य थे।
हालही में सामने आया था अमित शाह का बयान
हालही में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया था कि साल 2025 में 521 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 2024 में यह संख्या 881 थी। उन्होंने कहा था कि सरकार मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। अमित शाह ने बीते शनिवार को कहा था कि नक्सली छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में आदिवासियों के विकास को रोक नहीं सकते। इस दौरान शाह ने नक्सलियों से हथियार छोड़ने की भी अपील की। शाह ने कहा था कि हथियार डालकर मेनस्ट्रीम में आइए। आप हमारे अपने हैं। कोई नक्सली मारा जाता है तो किसी को आनंद नहीं होता।
