हिमाचल प्रदेश के चंबा में भूकंप के झटके महसूस किए गए

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

चंबा में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में शुक्रवार की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र 5 किलोमीटर की गहराई पर था।

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में सुबह-सुबह भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। इस दौरान लोग अपने घरों से बाहर निकल गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.5 मापी गई। वहीं भूकंप का केंद्र धरती से 5 किलोमीटर की गहराई पर रहा। चंबा में शुक्रवार की सुबह 6 बजकर 23 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। बता दें कि इस भूकंप का असर जम्मू-कश्मीर और पंजाब के भी कुछ हिस्सों में महसूस किया गया। फिलहाल अभी तक किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है।

 

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप

बता दें कि इससे पहले कल यानी गुरुवार की सुबह देश की राजधानी दिल्ली और आस-पास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस भूकंप के बाद से दिल्ली-एनसीआर के लोगों में भारी दहशत फैल गई। भारतीय समयानुसार, सुबह 09 बजकर 04 मिनट 50 सेकंड पर आए इन झटकों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 मापी गई है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर में 28.63 उत्तरी अक्षांश और 76.68 पूर्वी देशांतर पर स्थित था, जिसकी गहराई 10 किलोमीटर दर्ज की गई है। भूकंप के झटके दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद और हरियाणा के कई अन्य शहरों में भी महसूस किए गए।

क्यों आते हैं भूकंप?

हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं। इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनजीवन को उठाना पड़ता है। भूकंप से मकानें गिर जाती हैं, जिसमें दबकर हजारों लोगों की मौत हो जाती है।

भारत में क्या हैं भूकंप के जोन

भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के कुल भूभाग के लगभग 59 फीसदी हिस्से को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। वैज्ञानिकों ने भारत में भूकंप क्षेत्र को जोन-2, जोन-3, जोन-4 व जोन-5 यानी  4 भागों में विभाजित किया है। जोन-5 के इलाकों को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है, जबकि जोन-2 कम संवेदनशील माना जाता है। हमारे देश की राजधानी दिल्ली भूकंप के जोन-4 में आती है। यहां 7 से अधिक तीव्रता के भी भूकंप आ सकते हैं जिससे बड़ी तबाही हो सकती है। भारत में हिमालय क्षेत्र और कुछ अन्य फॉल्ट लाइनों (जैसे कच्छ, पूर्वोत्तर भारत) के कारण भूकंप का खतरा अधिक है, क्योंकि भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है।

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का अंदाजा

4 से 4.9 तीव्रता के भूकंप में घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिर सकता है। 5 से 5.9 तीव्रता के भूकंप में भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकता है। 6 से 6.9 में इमारत का बेस दरक सकता है। 7 से 7.9 में इमारतें गिर जाती हैं। 8 से 8.9 में सुनामी का खतरा होता है और ज्यादा तबाही मचती है। 9 या ज्यादा में सबसे भीषण तबाही होती है।

Red Max Media
Author: Red Max Media

Leave a Comment