

भारत ने रविवार को लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस परीक्षण के बाद भारत के सैन्य ताकत में इजाफा हुआ है। हाइपरसोनिक मिसाइल के सफल परीक्षण पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रक्षा सचिव और DRDO अध्यक्ष ने टीम को बधाई दी है। रक्षा मंत्री ने इस पल को ऐतिहासिक बताया है।
- पहली बार भारत ने किया हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण।
- मिसाइल को स्वदेशी रूप से किया गया है विकसित।
- किसी भी परिस्थिति में ऑपरेशन को अंजाम देने में सफल।
भारत में ही बनी है ये मिसाइल
इस लंबी दूरी की मिसाइल की खास बात है कि ये भारत में ही निर्मित हुई है। इस मिसाइल को हैदराबाद के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल परिसर में DRDO प्रयोगशालाओं और उद्योग भागीदारों की मदद से स्वदेशी रूप में बनाया गया है। इस मिसाइल के परीक्षण की सफलता पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा सचिव और DRDO अध्यक्ष ने टीम को बधाई दी।
एक नजर में समझिए
- हाइपरसोनिक मिसाइल लगभग 6,200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से यात्रा कर सकती है।
- DRDO ने रविवार को लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है।
- हाइपरसोनिक मिसाइल ध्वनि की गति से पांच गुना से ज्यादा गति से यात्रा करती हैं।
- ये किसी भी परिस्थिति में अपने ऑपरेशन को अंजाम देती है।
- हाइरसोनिक मिसाइल के सफल परीक्षण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा सचिव ने टीम को बधाई दी है।
किसे कहते हैं हाइपरसोनिक मिसाइल?
गौरतलब है कि हाइपरसोनिक मिसाइल ध्वनि की गति से पांच गुना से ज्यादा गति से यात्रा करती हैं। ऐसा अनुमान है कि हाइपरसोनिक मिसाइल लगभग 6,200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से यात्रा करती है। हालांकि, ये मिसाइल अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल से थोड़ी धीमी है। लेकिन हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन का आकार इस मिसाइल को लक्ष्य की ओर या रक्षा से दूर जाने की अनुमति देता है। हाइपरसोनिक मिसाइलें दुश्मन के रडार को चकमा देने की क्षमता रखती हैं।
वहीं, इन मिसाइल की खासियत है कि ये किसी भी परिस्थिति में अपने ऑपरेशन को अंजाम देती हैं। हाइपरसोनिक मिसाइलें क्रूज़ और बैलिस्टिक दोनों तरह की होती हैं। ये हवा में अपना रास्ता खुद बनाने में माहिर होती है।
