

नागपुर में 17 मार्च की हिंसा के बाद अवैध बांग्लादेशी शहर छोड़कर भाग गए हैं। मुंबई में गिरफ्तार किए गए एक बांग्लादेशी नागरिक से हिंसा में शामिल होने की जांच की जा रही है। महाराष्ट्र में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।
महाराष्ट्र के नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा के बाद से शहर में छिपकर रह रहे अवैध बांग्लादेशियों में पुलिसिया कार्रवाई का खौफ छाया हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए नागपुर से कई अवैध बांग्लादेशी फरार हो गए हैं। बता दें कि एक नागपुर से पुणे के रास्ते मुंबई पहुंचे एक बांग्लादेशी को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है और उसके नागपुर कनेक्शन की जांच की जा रही है। क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने भी बताया है कि नागपुर में छिपे कई अवैध बांग्लादेशी शहर से निकलकर अलग-अलग जगहों की तरफ निकल गए हैं।
दादर में गिरफ्तार हुआ अवैध बांग्लादेशी
बता दें कि मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने देश में अवैध रूप से रहने के आरोप में दादर से एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है। पुलिस अब यह पता लगाने के लिए जांच कर रही है कि क्या वह 17 मार्च को नागपुर में हुई हिंसा में शामिल था। एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि 29 साल के अजीजुल निजानुल रहमान नाम के शख्स को क्राइम ब्रांच की यूनिट 2 ने बुधवार को हिरासत में लिया और बाद में उसे 2 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया। पुलिस को रहमान के बारे में पता चला था कि वह नागपुर में रहता है और पुणे के रास्ते मुंबई पहुंचा है।
फर्जी दस्तावेजों के सहारे बनवाया आधार कार्ड
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें संदेह है कि वह हिंसा के समय नागपुर में था। उन्होंने बताया कि रहमान नागपुर के हसनबाग का रहने वाला है और हाल ही में दादर आया था। अधिकारी ने बताया कि दिहाड़ी मजदूर रहमान ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके आधार कार्ड प्राप्त करने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा, हम जांच के तहत उसके मोबाइल फोन टावर लोकेशन का विश्लेषण कर रहे हैं। हमने उसकी गिरफ्तारी के बारे में नागपुर में अपने समकक्षों के साथ भी जानकारी साझा की है।’
नागपुर से कई अवैध बांग्लादेशी हुए फरार
क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने बताया है कि नागपुर में हुई हिंसा के बाद शहर में छिपकर रहने वाले कई बांग्लादेशी वहां से निकालकर अलग-अलग रास्तों पर गए हैं। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी के अलावा भी कई बांग्लादेशी अपनी पहचान छिपाकर नागपुर में रह रहे हैं, और इसकी जांच की जा रही है। बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों से महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आई है और इस दौरान दर्जनों अवैध बांग्लादेशियों को पकड़ा गया है।
नागपुर में आखिर क्यों भड़की थी हिंसा?
अधिकारियों के मुताबिक, छत्रपति संभाजीनगर में मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र पुस्तक की पंक्तियां लिखी ‘चादर’ जलाए जाने की अफवाह फैलने पर 17 मार्च को नागपुर के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। हिंसा में पुलिस उपायुक्त स्तर के 3 अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जिसके बाद शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। हिंसा के सिलसिले में 110 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें मुख्य आरोपी फहीम खान भी शामिल है।
लगातार पकड़े जा रहे हैं अवैध बांग्लादेशी
बता दें कि असम से लेकर दिल्ली तक, और यूपी से लेकर महाराष्ट्र तक अवैध बांग्लादेशी लगातार पकड़े जा रहे हैं। असम में तो अवैध बांग्लादेशी सुरक्षाबलों के हत्थे लगातार चढ़ रहे हैं। वहीं, दिल्ली में हाल ही में पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 8 बांग्लादेशी नागरिकों और उनके भारतीय साथियों को गिरफ्तार किया है जो दक्षिण दिल्ली में उनके अवैध प्रवास में मदद कर रहे थे। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पिछले मंगलवार को ही जानकारी दी थी कि बांग्लादेश के कुल 15 नागरिकों को निर्वासित कर दिया गया है। दिल्ली में भी पिछले कुछ महीनों में बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशी पकड़े गए हैं।
