

बजिंदर सिंह का हाल ही में एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह एक युवक को थप्पड़ मारते नजर आ रहे हैं। हालांकि, बाद में उन्होंने दावा किया कि यह वीडियो फेक है। पीड़ित लड़के ने कहा था कि वीडियो एआई की मदद से बनाया गया।
2018 रेप मामले में स्वयंभू ईसाई धर्म प्रचारक बजिंदर सिंह को दोषी करार दिया गया है। इस मामले में कोर्ट एक अप्रैल को सजा सुनाएगा। बजिंदर सिंह पर कई गंभीर आरोप लग चुके हैं। वर्ष 2018 में बजिंदर पर रेप का केस दर्ज हुआ था। उन पर जीरकपुर की महिला ने यौन उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था। बजिंदर पर महिला ने आरोप लगाया था कि उसने यौन उत्पीड़न का वीडियो बनाया और धमकी दी। इस मामले में बजिंदर के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी हुआ था और बाद में उसकी गिरफ्तारी हुई थी। बजिंदर सिंह के खिलाफ दो दिन पहले ही मोहाली में मारपीट का मामला दर्ज हुआ था। इससे पहले फरवरी में भी एक महिला ने बजिंदर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था।
बजिंदर सिंह चमत्कार करने के झूठे दावों के चलते चर्चा में आए थे। वह अपने चमत्कार के जरिए कई लोगों की बीमारी ठीक करने का दावा करते हैं। बड़ी संख्या में उनके समर्थक इन दावों पर यकीन भी करते हैं, लेकिन अब बजिंदर सिंह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
मोहाली में मारपीट का मामला दर्ज
पंजाब पुलिस ने मंगलवार (25 मार्च) को एक महिला की शिकायत के आधार पर बजिंदर सिंह के खिलाफ मारपीट और अन्य आरोपों में मामला दर्ज कर लिया है। कुछ दिनों पहले ही सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से एक वीडियो प्रसारित हुआ था, जिसमें स्वयंभू ईसाई धर्म प्रचारक द्वारा महिला को थप्पड़ मारते हुए और उससे बहस करते हुए देखा गया था। मोहाली पुलिस ने 35 वर्षीय महिला द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्यालय में शिकायत किए जाने के बाद दर्ज हुए मामले की जांच शुरू की। वह मंगलवार को मुल्लांपुर में पुलिस के समक्ष पेश हुई और अपना बयान दर्ज कराया।
राष्ट्रीय महिला आयोग के समक्ष पेश हुई यौन शोषण पीड़िता
बजिंदर सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली महिला मंगलवार को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के समक्ष पेश हुई। पंजाब में जालंधर के रहने वाले पादरी बजिंदर सिंह (42) के खिलाफ 22-वर्षीय महिला की शिकायत के बाद यौन उत्पीड़न का मामला 28 फरवरी को दर्ज किया गया था। महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि बजिंदर सिंह उसे संदेश भेजता रहता था और प्रत्येक रविवार को चर्च के एक कमरे में उसे अकेले बैठाता था। इस दौरान वह उसे गलत तरीके से छूता था। पुलिस ने पादरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया है। एनसीडब्ल्यू के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि मामले की सुनावई के लिए महिला (पीड़िता) आयोग के समक्ष उपस्थित हुई।
एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने सात मार्च को कहा था कि आयोग ने इस मामले में पंजाब पुलिस से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा था, ‘‘पंजाब के एक पादरी से जुड़ा हुआ मामला बहुत गंभीर और चिंताजनक है। जिस तरह से महिला का यौन उत्पीड़न किया गया, वह बेहद चिंताजनक है। हमने इस घटना का स्वतः संज्ञान लिया है और पंजाब पुलिस से पूछा है कि वे इस संबंध में क्या कार्रवाई करेंगे।’’
