

सीआईएसएफ की साइक्लोथॉन यात्रा संपन्न हो गई है। सात मार्च शुरू हुई तटीय साइक्लोथॉन यात्रा कन्याकुमारी में पूरी हो गई। सात मार्च को गृहमंत्री अमित शाह ने वर्चुअल तरीके से यात्रा को हरी झंडी दिखाई थी। तटीय सीमा से जुड़े इलाकों में आम लोगों के बीच सुरक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए पहली बार इतने बडे़ पैमाने पर साइक्लोथॉन का आयोजन किया गया है।
सीआईएसएफ का सुरक्षित तट, संवृद्ध भारत के संदेश के साथ सात मार्च शुरू हुई तटीय साइक्लोथॉन कन्याकुमारी में संपन्न हो गया। पूर्वी और पश्चिमी दोनों तटों से शुरु हुए साइक्लोथॉन 6553 किलोमीटर की दूरी तय की गई और इस दौरान 2.5 करोड़ लोग इससे जुड़े।
पहली बार इतना बड़ा साइक्लोथोन का आयोजन
तटीय सीमा से जुड़े इलाकों में आम लोगों के बीच सुरक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए पहली बार इतने बडे़ पैमाने पर साइक्लोथॉन का आयोजन किया गया है। वैसे तटीय इलाकों में स्थिति अंतरिक्ष, रक्षा, परमाणु ऊर्जा, पेट्रोलियम और शिपिंग से जुड़े 135 संस्थानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ के पास है। लेकिन सीआईएफएस की कार्यवाही इन संस्थानों तक ही सीमित रहती थी।
पहली बार सीआईएसएफ के जवान पूरे समुद्री तट पर आम लोगों के बीच पहुंचे और उनसे तटीय सुरक्षा को लेकर अहम सुझाव मिले। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तटीय सुरक्षा को लेकर मिले इन सुझावों को संबंधित एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा। उनके अनुसार तटीय इलाकों के विभिन्न समुदायों के साथ पहली बार हुए संपर्क को स्थायी करने के लिए कार्यक्रम बनाए जाएंगे।
भारत की आर्थिक संवृद्धि के लिए तटीय सुरक्षा की अहमियत बताते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यहा 72 प्रमुख बंदरगाहों के साथ कुल 250 बंदरगाह स्थित हैं, जिनके माध्यम से व्यापार होता है। कुल व्यावार का मात्रा के हिसाब से 95 फीसद और मूल्य के हिसाब से 70 फीसद इन बंदरगाहों के माध्यम से होता है। उन्होंने कहा कि तटीय सुरक्षा सिर्फ एजेंसियों के भरोसे नहीं की जा सकती है, इसे जनभागीदारी के माध्यम से ही सुनिश्चित की जा सकती है।
गृहमंत्री अमित शाह ने दिखाई थी हरी झंडी
सीआईएसएफ का साइक्लोथॉन इस दिशा में एक बड़ा कदम है। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सीआईएफएफ के स्थापना दिवस पर चन्नई से इस साइक्लोथॉन को वर्जुअल तरीके से हरी झंडी दिखाई थी। कन्याकुमारी में समाप्ति से पहले पारादीप पोर्ट, कोणार्क सूर्य मंदिर, गेटवे आफ इंडिया (मुंबई)स विशाखापत्तनम, मैंगलोर और चेन्नई में इस यात्रा का भव्य स्वागत किया गया।
