
आइये मिलते हैं संदीप धौला से जो पक्षियों के लिए घोंसला लगाकर उनका घर नहीं बना रहे बल्कि बस उन्हें घर बनाने की जगह दे रहे हैं। जो हमने अपना घर बनाने के चक्कर में छीन ली थी। आइये जानते हैं उनकी अद्भुत ज़िन्दगी ;
पंजाब के संदीप धौला का कहना है कि “पक्षियों के पास कोई डॉक्टर नहीं है इंसान तो पानी फ़िल्टर लगाकर पी लेगा डॉक्टर के पास चला जाएगा अगर बीमार हुआ तो पर पक्षियों के लिए कुछ भी नहीं है।” और इसी चिंता के साथ वह पिछले 9 सालों से इन बेजुबान परिंदों के लिए आशियाना बनाने, उनके दाना-पानी का इंतजाम करने और पेड़ लगाने का काम कर रहे हैं।
अब तक वह देशभर में करीब 70,000 घोंसले लगा चुके हैं। और यह सिलसिला 2002 में तब शुरू हुआ जब उनका अपना पक्का मकान बना। उन्होंने देखा धीरे-धीरे पक्षी घट रहे थे, तब उन्होंने गांव के बुजुर्गों से पूछा कि यह पक्षी कम क्यों हो रहे हैं, बुजुर्गों ने बताया पहले कच्चे घर में पक्षी अपनी ब्रीडिंग करते थे बड़े पेड़ों की होल में ये अपने घर बनाते थे।
अब काफी घर पक्के हो गए, पेड़ कटने लगे इसलिए ये पक्षी ब्रीडिंग नहीं कर पा रहे हैं इसलिए संदीप ने घोंसले लगाने शुरू किए। कई लोगों ने उन्हें यह तक कहा कि वह घोंसले लगाकर पक्षियों को आलसी बना रहे हैं लेकिन संदीप लोगों को समझाते कि वह तो बस पक्षियों को एक जगह दे रहे हैं घोंसले तो वे खुद ही बनाते हैं। पक्षियों को घोंसले बनाने के लिए तिनके मिल सके इसलिए संदीप झाड़ी वाले पौधे भी लगाते हैं।
यह संदीप के प्रयासों का नतीजा ही है कि आज पंजाब में उनके गांव के हर घर और घर के खम्भे पर पक्षी का घोंसला बना है और पक्षियों की संख्या कई गुना बढ़ चुकी है। सच, संदीप जैसे पक्षी प्रेमी की वजह से ही इंसानों और पक्षियों की दोस्ती आज भी कायम है।
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