

हाल ही में Google एक बड़ा केस हार गई है जो मोनोपोली से जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही कंपनी इसी तरह के एक और मामले का सामना कर रही है जिसका ट्रायल इस महीने के अंत तक शुरू हो सकता है। अपने कर्मचारियों की चिंताओं को देखते हुए कंपनी ने एक मेमो भेजा है जिसमें कंपनी ने कर्मचारियों से काम पर ध्यान केंद्रीत करने का आग्रह किया है।
हाल ही में Google एक बड़ा केस हार गई है, जो मोनोपोली से जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही कंपनी इसी तरह के एक और मामले का सामना कर रही है, जिसका ट्रायल इस महीने के अंत तक शुरू हो सकता है। इतना ही नहीं गूगल को जापान के फेयर ट्रेड कमीशन की ओर से एक एंटीट्रस्ट सीज ऑर्डर भी मिला है।
कर्मचारियों को भेजे गए मेमो
इन सब चीजों को लेकर अपने कर्मचारियों की चिंताओं को देखते हुए कंपनी ने एक मेमो अपने कर्मचारियों को भेजा है, जिसमें कंपनी ने कर्मचारियों से काम पर ध्यान केंद्रीत करने और इस निर्णय के बारे में ज्यादा नहीं सोचने का आग्रह किया है।
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बता दें, बिते गुरुवार को फेडरल जज ने अपने फैसले में कहा था कि गूगल ने एंटीट्रस्ट का उल्लंघन किया है और ऑनलाइन टेक इंडस्ट्री में अवैध तरीके से मोनोपोली बनाई है। 2023 में गूगल ने विज्ञापनों के जरिए 237.9 अरब डॉलर कमाए थे। ये रकम माइक्रोसॉफ्ट और Baidu से कहीं ज्यादा है, जो गूगल के मुख्य कंपिटिशन हैं।
क्या गूगल को बेचना पड़ेगा अपना कारोबार?
कोर्ट के इस फैसले के बाद अमेरिकी डिपार्टमेंट गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट पर गूगल एड मैनेजर को बेचने का दबाव बना सकती है। डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस पहले भी ऐसे एक्शन के संकेत दे चुका है। हालांकि, इस मामले पर गूगल ने कहा है कि हम आधा केस जीत चुके हैं और आधे के लिए हम अपील करेंगे।
कर्मचारियों को दिया गया खास संदेश
कर्मचारियों को दिए अपने संदेश में गूगल रेगुलेटर अफेयर्स के वॉयस प्रेसिडेंट ली-एनी मुलबोलैंड ने इस बात पर जोर दिया कि कंपनी ने आधा मामला जीत लिया है। कोर्ट ने पाया है कि हमारे एडवरटाइजर टूल्स और डबल क्लिक जैसे हमारे अधिग्रहण से कंपिटिशन को कोई नुकसान नहीं है।
उन्होंने कहा, हमारे पब्लिशर टूल्स को लेकर कोर्ट का जो फैसला आया है उससे हम सहमत नहीं है। पब्लिशर्स के पास कई ऑप्शन होते हैं, लेकिन उन्होंने गूगल को चुका क्योंकि हमारा टूल सिंपल, सस्ता और प्रभावी है।
