

संजीव हंस पर हवाला के जरिए एक महिला वकील को 2.44 करोड़ रुपए देने का आरोप है.
सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। संजीव हंस के ठिकाने पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापेमारी की थी। टीम ने आय से अधिक संपत्ति के मामले को लेकर संजीव हंस के चार ठिकानों पर रेड की है। इतना ही नहीं संजीव हंस से जुड़े लोगों के तीन-तीन अलग ठिकानों पर भी छापेमारी चल रही थी। इस कारण संजीव हंस और करीबीयों में हड़कंप मचा था। घर के अंदर बाहर से आने वाले लोगों की इंट्री बंद कर दी गई थी। ईडी के अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव की तलाश कर रहे थे। हालांकि कई अखबारों ने 1 अगस्त को ही इस बात की आशंका जता दी थी कि इनके पद इसलिए छीने गये हैं, क्यों कि इनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है।
दर्जनभर ठिकानों पर छापेमारी की थी
बता दें कि कुछ माह पहले ही गैंगरेप केस के आरोपी संजीव हंस और गुलाब यादव के पटना, पुणे, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, पंजाब समेत देश के दर्जनभर ठिकानों पर छापेमारी की थी। ईडी ने दोनों के खिलाफ पीएमएलए के तहत पहले से ही केस दर्ज कर रखा है।
इस केस में सारे जानकारी स्पष्ट हो सके
तीन माह पहले आईएएस अधिकारी संजीव हंस और राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व एमएलए गुलाब यादव केस में नया मोड़ तब आया था प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केस करने वाली महिला को पूछताछ के लिए बुलाया था। ईडी की टीम ने महिला को इसके लिए नोटिस भी भेज दिया था। उन्हें पटना स्थित ईडी कार्यालय में आकर अधिकारियों के सवालों का जवाब देना था। ईडी के अनुसार, आईएएस अधिकारी संजीव हंस और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला से पूछताछ हुई। ताकि इस केस में सारे जानकारी स्पष्ट हो सके।
