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अन्न भंडार भरने में जुटी केंद्र सरकार

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अन्न भंडार भरने में जुटी केंद्र सरकार

तेलहन की कमी को देखते हुए 28.28 लाख टन सरसों की भी खरीदारी होगी। मसूर की कुल स्वीकृत मात्रा 9.40 लाख टन है। सरकार ने किसानों को पंजीकरण और प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नेफेड और एनसीसीएफ पोर्टलों का उपयोग सुनिश्चित किया है। कृषि मंत्री ने बताया कि दाल भंडार को समृद्ध करने के लिए रबी मौसम के दौरान चना खरीद को भी मंजूरी दी गई है।

किसान हित में केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से किसी भी हाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमत पर फसलों की खरीदारी नहीं करने का आग्रह किया है। सरकार का सबसे अधिक जोर दलहन खरीद पर है, क्योंकि दाल का बफर स्टाक अभी न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुका है और ऐसी स्थिति में अगले चार वर्षों के भीतर दलहन के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य आसान नहीं है। 

कीमतों पर नियंत्रण रखते हुए देश की विशाल आबादी को दाल की आपूर्ति के लिए बफर स्टाक में कम से कम 35 लाख टन दाल होनी चाहिए, ताकि दाम बढ़ने की स्थिति में बाजार में हस्तक्षेप किया जा सके। मगर बफर स्टाक में मानक से अभी आधी मात्रा में ही दाल उपलब्ध है। इसलिए केंद्र सतर्क है। 

‘उपभोक्ताओं की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध केंद्र सरकार’

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया कि केंद्र सरकार किसानों के साथ उपभोक्ताओं की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है।दालों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने, किसानों को अत्यधिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने एवं दलहन आयात पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार ने मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत राज्यों के उत्पादन के सौ प्रतिशत अरहर, उड़द और मसूर खरीद को मंजूरी दी है। बजट में भी अपनी आवश्यकता के अनुसार दलहन उत्पादन का संकल्प जताया जा चुका है। इसके लिए अगले चार वर्षों तक उक्त तीनों तरह की दालों की सारी उपज की खरीदारी की जाएगी।

चालू खरीफ मौसम में उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक एवं तेलंगाना में अरहर खरीद को मंजूरी दी गई है। बिहार एवं उत्तर प्रदेश में अरहर की कीमत अभी एमएसपी से अधिक चल रही है। इसलिए यहां खरीदारी की रफ्तार सुस्त है। कर्नाटक में खरीद की अवधि को 90 दिनों से बढ़ाकर 120 दिन कर दिया गया है। यहां अब एक मई तक अरहर की खरीद हो सकती है। आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र एवं तेलंगाना में नेफेड एवं एनसीसीएफ के जरिए पौने दो लाख किसानों से अभी तक 2.46 लाख टन अरहर की खरीदारी हो चुकी है। 

रबी मौसम के दौरान चना खरीद को भी मंजूरी

कृषि मंत्री ने बताया कि दाल भंडार को समृद्ध करने के लिए रबी मौसम के दौरान चना खरीद को भी मंजूरी दी गई है। पीएम-आशा योजना को 2025-26 तक बढ़ाया गया है। इसके तहत किसानों से एमएसपी पर दालों एवं तिलहनों की खरीद होती रहेगी। चालू रबी मौसम में चने की खरीदारी के लिए कुल स्वीकृत मात्रा 27.99 लाख टन है।

तेलहन की कमी को देखते हुए 28.28 लाख टन सरसों की भी खरीदारी होगी। दाल उत्पादक प्रमुख राज्यों में राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात शामिल हैं। मसूर की कुल स्वीकृत मात्रा 9.40 लाख टन है। सरकार ने किसानों को पंजीकरण और प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नेफेड और एनसीसीएफ पोर्टलों का उपयोग सुनिश्चित किया है।
Red Max Media
Author: Red Max Media

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