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सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट का बच्चियो को उपहार

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सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट का बच्चियो को उपहार

सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट 8 मार्च को जन्मी बच्चियों के लिए बड़ा फैसला लेने जा रही है। दरअसल मंदिर ट्रस्ट श्री सिद्धिविनायक भाग्यलक्ष्मी योजना शुरू करने जा रही है, जिसके तहत बच्चियों के नाम पर एफडी कराई जाएगी।

सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट ने ‘श्री सिद्धिविनायक भाग्यलक्ष्मी योजना’ शुरू करने का फैसला किया है। इस योजना के तहत महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाली बच्चियों के नाम पर उनकी माता के बैंक खाते में 10,000 रुपये की एफडी (FD) रखी जाएगी। ट्रस्ट की प्रबंधन समिति ने इस योजना को मंजूरी दी है और इसे सरकार की स्वीकृति के लिए भेजा गया है। ट्रस्ट की ओर से इंडिया टीवी से बात करते हुए ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष पवन त्रिपाठी ने बताया कि मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही इस योजना के नियम और शर्तें घोषित किए जाएंगे।

मंदिर ट्रस्ट बच्चियों के लिए लागू करेगी योजना

बता दें कि इस योजना को लेकर ट्रस्ट ने प्रस्ताव दिया है कि 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन जन्म लेने वाली बच्चियों के लिए यह योजना लागू की जाए। श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट की अहम बैठक 31 मार्च को ट्रस्ट के अध्यक्ष सदानंद सरवणकर की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में 2024-25 के वार्षिक रिपोर्ट और 2025-26 के बजट पर विस्तार से चर्चा की गई। वर्ष 2024-25 के लिए ट्रस्ट की अनुमानित आय 114 करोड़ रुपये थी, लेकिन यह आय बढ़कर 133 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। ट्रस्ट ने अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 154 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य तय किया है।

वीआईपी कल्चर पर क्या बोले कमेटी के सदस्य

मंदिरों में वीआईपी कल्चर को लेकर भी बात करते हुए मंदिर के ट्रस्टी कमेटी के सदस्य राहुल लोंढे ने बताया कि मंदिर प्रांगण में सभी भक्त एक समान है और जिन्हें जरूरत होती है उन्हें मंदिर के कर्मचारी खुद ही VIP लाइन से अंदर लेकर आते हैं। यही कारण है कि मंदिर ट्रस्ट को जहां वर्ष 2024-25 में वार्षिक आय 114 करोड़ होने की उम्मीद थी, वह बढ़कर 133 करोड़ हो गई और आने वाले साल में भी उम्मीद है कि ट्रस्ट की आय 154 करोड़ रुपए तक पहुंचेगी, जिसमें, श्रद्धालुओं द्वारा दिए जाने वाले दान, नारियल, लड्डू की बिक्री सभी सम्मिलित है। श्रद्धालुओं द्वारा किए जाने वाले दान का इसी प्रकार के सामाजिक कार्यों में उपयोग किया जाता है।

Red Max Media
Author: Red Max Media

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