

केंद्रीय संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि महाराष्ट्र में एक बार फिर से भाजपा और महायुति की सरकार बनेगी। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी के लोकसभा में आने से बहस के स्तर में गिरावट आई है। वक्फ बोर्ड (संशोधन) विधेयक पर उन्होंने अपना समर्थन जताया। महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वे प्रचार के लिए पहुंचे थे।
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी। जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज होते जा रहा है। इस बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संसद में प्रवेश के बाद से लोकसभा में बहस का स्तर गिरा है।
किरेन रिजिजू ने कांग्रेस सांसद को लेकर क्या कहा?
दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए आए केंद्रीय संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा और महायुति के पक्ष में एक अंडरकरंट है और ‘लाडली बहन योजना’ से सत्तारूढ़ गठबंधन को फायदा होगा।
वहीं, किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि राहुल गांधी के आने के बाद से लोकसभा में बहस का स्तर गिरा है। हमारे पास ऐसे लोग हैं जो बात कर सकते हैं और बहस कर सकते हैं, लेकिन कांग्रेस के पास ऐसा कोई नहीं है और जो लोग बहस करना चाहते हैं वे राहुल गांधी से डरते हैं।
वहीं, केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ सांसदों ने उनसे कहा है कि वे बहस और चर्चा चाहते हैं, लेकिन विपक्ष के नेता को इसकी चिंता नहीं है क्योंकि वे बहस नहीं कर सकते और कुछ एनजीओ द्वारा दिए गए चिट पढ़ते हैं।
केंद्रीय संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी को दलितों, आदिवासियों, संविधान और डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के बारे में बोलने का अधिकार नहीं है। इसी के साथ वक्फ (संशोधन) विधेयक के विरोध के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विधेयक का विरोध करने वाले राजनीतिक कारणों से ऐसा कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि कई मुस्लिम प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की है। इन मुस्लिम प्रतिनिधियों ने एक साथ वक्फ (संशोधन) विधेयक का समर्थन किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के कई पिछड़े सदस्यों, महिलाओं और बुद्धिजीवियों ने कहा है कि वे विधेयक का समर्थन करते हैं। बता दें कि वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन करने वाला विधेयक 1995 के अधिनियम में दूरगामी बदलावों का प्रस्ताव करता है। इससे ऐसे निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर- मुस्लिम का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना शामिल है। इस विधेयक का पिछले संसद सत्र के दौरान विपक्ष के नेताओं ने जमकर विरोध किया था।

Author: Red Max Media
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