

रोहित शर्मा ने ड्रेसिंग रूम विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनना बहुत सम्मान की बात है। रोहित ने इसे हासिल किया है। इसके लिए उन्होंने एमएस धोनी और विराट कोहली का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि अगले भारतीय कप्तान को भी इसके महत्व को समझकर उस टैग को अर्जित करना होगा।
रोहित ने पुष्टि की कि उनका टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट से बाहर बैठने का उनका फैसला केवल बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में उनके खराब फॉर्म के कारण था। रोहित से जब टेस्ट क्रिकेट में भारत की अगुआई करने के लिए तैयार युवाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स कहा कि युवा खिलाड़ी पहले खेल पर ध्यान दें ना की कप्तानी पर।
‘प्लेट में सजाकर नहीं दी कप्तानी’
रोहित ने कहा, मैं अब यहां हूं। बुमराह यहां हैं। विराट उनसे पहले यहां थे। एमएस धोनी उनसे पहले यहां थे। हर किसी ने इसे (कप्तानी) अपनी काबिलियत से हासिल किया किया है। किसी ने हमको प्लेट पर सजाकर नहीं दिया। किसी को भी इसे ऐसे नहीं मिलनी चाहिए। उन्हें कड़ी मेहनत करने दें। लड़कों में बहुत प्रतिभा है, लेकिन साथ ही मैं यह भी कहना चाहता हूं कि भारत का कप्तान बनना आसान नहीं है। दबाव है, लेकिन यह बहुत बड़ा सम्मान है। हमारा इतिहास और जिस तरह से हम क्रिकेट खेलते हैं, उसकी दोनों कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है।
